30 days festival - ritual competition -19-Oct-2022 ( 3 ) करवाचौथ
शीर्षक = करवाचौथ
"तुमने ठीक से रजिस्टर में देख लिया न , कल की कोई भी अपॉइंटमेंट नही है न " डॉक्टर शालिनी ने अपनी पर्सनल सेक्रेटरी से पूछा जो की उसी अस्पताल में काम करती है , जहाँ शालिनी भी काम करती है ।
"जी मैडम मैने देख लिया कल आपके लिए कोई अपॉइंटमेंट नही है , आप कहे तो एक बार और देख लेती हूँ, वैसे भी कल त्यौहार है, आधे से ज्यादा स्टाफ छुट्टी पर रहेगा , आप भी छुट्टी ले लीजिये पूरे दिन की," शालिनी की सेक्रेटरी नेहा ने कहा
"नही नेहा, हमारा प्रोफेशन ही ऐसा है , जिसके लिए हमें हर दम ड्यूटी पर रहना पड़ता है , लेकिन अब ज़ब कोई भी कल की अपॉइंटमेंट नही है , तो फिर अच्छा है, कल मैं भी अच्छे से करवाचौथ का व्रत अच्छे से मना पाऊँगी, पिछले दो सालों से तो इस महामारी की वजह से हमें छुट्टी ही नही मिली की हम अपने पत्नि धर्म को अच्छे से निभा पाते कभी तस्वीर देख कर तो कभी वीडियो कॉल कर के अपना व्रत खोला वो भी बिना सजे धजे
लेकिन अब कल में, सोलह श्रृंगार कर पूरे रीति रीवाज़ के साथ, अपने घर वालो के साथ त्यौहार का आनन्द लूंगी , और कितने दिनों बाद मैं खुद को सवारूंगी मुझे तो अब बस कल शाम का इंतज़ार है , रोहित भी मुझे सोलह श्रृंगार किए देखा गा, तो खुश हो जाएगा शादी के बाद 4 साल बाद वो मुझे कल उसी रूप में देखेगा नही तो वो बेचारा मुझ डॉक्टर से शादी करके तो फस ही गया है , हर समय मैं उसे सफ़ेद कोर्ट पहने ही नज़र आती हूँ, अब क्या करू हर समय सफ़ेद कोर्ट में श्रृंगार करके तो नही घूम सकती, बेचारा रोहित " शालिनी ने कहा पास खड़ी नेहा से
"तो आप कल नही आ रही है पक्का " नेहा ने पूछा
"वायदा तो नही कर सकती लेकिन हाँ, कुछ समय अब पत्नि धर्म निभाने को भी दिया जाए, करवाचौथ का व्रत सज धज कर पूरे रीति रिवाज़ के साथ मनाया जाए और शाम को अपने पति के हाथो चाँद देख कर जल पीकर अपना व्रत तोड़ा जाए " शालिनी ने कहा और अपनी गाड़ी की चाबी अपने पर्स में रख कर नेहा को कल के बारे में उसे आघा करने के लिए कह कर वहाँ से चली जाती है ।
शाम हो चुकी थी , नेहा रेडिओ में गाना सुनती हुयी जा रही थी , बाजार में करवाचौथ को लेकर काफी रौनक लगी हुयी थी, महिलाओ का हुजज़ूम दुकानों पर भीड़ लगाए खरीदारी कर रहा था ।
शालिनी घर आकर थोड़ा आराम करती है , ज़ब तक रोहित भी आ जाता है अपने दफ्तर से, रोहित और शालिनी अकेले ही रहते है , शहर में अपने काम की वजह से बाकी उसकी देवरानिया और जेठानिया गांव में रहती है ।
शालिनी रोहित की माँ से कल के बारे में पूछ रही थी , ताकि वो अच्छे तरीके से पूरे विधि विधान के साथ अपने पति की सलामती और लम्बी उम्र के लिए रखे जा रहे उस व्रत को अच्छे से कर पाए बिना किसी विघ्न के।
शालिनी को खुद से भी सजने का मन कर रहा था , बहुत दिन हो गए थे उसने हाथ पर मेहंदी भी नही लगायी थी और तो और पार्लर भी नही गई थी , इसलिए उसने एक अच्छे से पार्लर में एक कल की अपॉइंटमेंट बुक कर दी।
दोनों रात का खाना खा कर आपस में एक दूसरे से बातें करके, करवट बदल कर सौ जाते है लेकिन शालिनी को तो कल का इंतज़ार था बेसब्री से।
अगले दिन वो पूरे रीति रिवाज़ के साथ अपनी सास से पूछ कर करवाचौथ का व्रत रख लेती है , और घर का सारा काम नौकरानी के साथ मिलकर निबटा लेती है और शाम होने तक वो पार्लर चली जाती है , जहाँ कुछ देर इंतज़ार करने के बाद उसका नंबर आ जाता है और वहाँ वो बहुत अच्छे से तैयार होती है , उसके हाथो पर मेहंदी लगती है, वो अपने साथ अपनी शादी का लेहंगा लेकर आयी थी , जिसमे रोहित को वो बहुत प्यारी लगती है और उसे खुद को भी अपनी शादी का लेहंगा बहुत प्यारा लगता है, गहरे मेहरून कलर का वो लेहंगा उस पार बहुत खूबसूरत लगता था ।
समय का पता ही नही चला खुद को संवारते संवारते , जब उसकी नज़र मोबाइल पर पड़ी तब वो घबरा गई 6: 30 बज चुके थे शाम के, उसने जल्दी से बचा हुआ श्रृंगार किया और गाड़ी में जाकर बैठ गई, वो रोहित को सरप्राइज देना चाहती थी इसलिए उसने उसे खुद को लेने भी नही बुलाया खुद ही गाड़ी ड्राइव करने लगी ।
सड़को पर गाड़ियों की भीड़ भी बहुत थी , सही संवरी होने की वजह से वो गाड़ी भी सही तरीके से नही चला पा रही थी । दिन भर की भूखी होने की वजह से उसे कमज़ोरी सी भी हो रही थी , लेकिन फिर भी वो खुद को संभालते हुए धीमी रफ़्तार से गाड़ी चला रही थी ।
कि तभी अचानक उससे आगे चल रही गाड़ी से एक बाइक वाला टकरा गया, जो कि शायद बहुत जल्दी में था, शायद उसकी पत्नि भी उसका इंतज़ार कर रही थी , इसलिए ही तो वो सिग्नल बंद होते हुए भी गाड़ी को सामने ले आया ।
ये हादसा देख वहाँ भीड़ इकट्ठी हो जाती है, उस आदमी के सर से खून बह रहा था ।
शालिनी तुरंत अपनी और अपने श्रृंगार कि परवाह किए बिना ही उस हादसे वाली जगह पर पहुंच जाती और
लोगो से दूर होने का कहती और खुद का डॉक्टर होना ज़ाहिर कर देती है , ताकि वो उसे देख सके
शालिनी एक डॉक्टर होने के नाते जो कुछ कर सकती थी उसने वो सब किया किन्तु उसकी हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी इसलिए वो एम्बुलेंस के आते ही उसे अपने साथ अपने अस्पताल ले जाती है , उसका लेहंगा खून में सन चुका था
नेहा उसे देख घबरा जाती है , शालिनी नेहा से ऑपरेशन रूम में कुछ नर्स और ड्यूटी पर आये डॉक्टर्स को बुलाने का कहती है
लेकिन उस समय सिवाय नर्सो और उसके वहां कोई और डॉक्टर्स नही था। जिस वजह से अब सब कुछ शालिनी को ही करना था । शालिनी ने एक बार भी अपने श्रृंगार और लेहंगे के बारे में नही सोचा और न ही अपने व्रत को तोड़ने कि सोची वो उसी हालत में जल्दी से अपने कपडे बदल कर ऑपरेशन थिएटर पहुंच जाती है ।
उसका मोबाइल उसकी गाड़ी में ही रह जाता है , जो की सड़क पर ही खड़ी थी। रोहित उसे फ़ोन कर रहा था, किन्तु उसके इस तरह न उठाने पर चिंतित हो जाता है । और उसके दोस्तों को फ़ोन लगाता किन्तु कोई भी कुछ नही जानता था शालिनी के बारे में।
वही दूसरी तरफ शालिनी कुछ नर्सो के साथ उसका ऑपरेशन कर रही थी , बाहर उस आदमी की पत्नि भी आ चुकी थी जिसका रो रो कर बुरा हाल था, उसी के कहने पर वो घर जल्दी आ रहा था, ताकि वो उसके हाथो अपना व्रत खोल सके।
करीब डेढ़ घंटे के बाद शालिनी उस का ऑपरेशन कर उसे बचाने में कामयाब रही थी।
वही दूसरी तरफ हर जगह तलाश करने के बाद जब शालिनी की कोई खबर नही मिली तब उसने नेहा को फ़ोन किया तब उसने बताया जो कुछ भी हुआ, उसने उसे फ़ोन कर न बताने के लिए माफ़ी मांगी
ये सुन रोहित तुरंत ही अस्पताल की और दौड़ पड़ता है। वही शालिनी भी ऑपरेशन थिएटर से बाहर आती है और उसकी पत्नि को बताती है की उसका सुहाग सही सलामत है, उसे सुबह तक होश आ जाएगा
उसकी पत्नि ने उसका धन्यवाद कहा और बोली " तूने मेरे सुहाग की रक्षा की है ईश्वर तुझे हमेशा सुहागन बनाये रखे, तूने आज करवाचौथ वाले दिन मेरे सुहाग की जान बचा कर मुझ पर एक परोपकार किया है "
करवाचौथ का नाम सुनते ही, शालिनी को अपने व्रत और रोहित की याद आती और वो घबरा कर नेहा को आवाज़ देकर अपना मोबाइल पूछती है, ताकि वो रोहित को बता सके।
इससे पहले नेहा वहाँ आती उसे पीछे से रोहित की आवाज़ आती, पीछे मुड़ कर शालिनी ने देखा तो उसका पति रोहित खड़ा था।
वो दौड़ती हुयी उसके पास जाकर उसके गले लग जाती और कान पकड़ कर कहती " मुझे माफ कर देना रोहित ये सब इस तरह हो जाएगा मैने सोचा नही था, मैं तो सजी धजी घर आ रही थी तुम्हे सरप्राइज देने फिर अचानक रास्ते में एक एक्सीडेंट हो गया और मैं अपना पत्नि धर्म भूल कर अपना डॉक्टर होने का फर्ज़ निभाने चली गई, एक दिन भी मैं तुम्हे न दे पायी हो सके तो मुझे माफ कर दो, "
रोहित ने उसे कसके गले से लगाया और बोला " मुझे तो तुम ऐसी ही प्यारी लगती हो, हर दम अपने फर्ज़ के खातिर हर दम तैयार रहने वाली शालिनी, मुझे तुमसे कोई शिकायत नही आज तुम्हारी वजह से ही किसी दूसरे का सुहाग उजड़ने से बच गया, तुम तो मेरा मान हो चलो अब घर चलते है, चल कर अपने हाथो से तुम्हारा व्रत खोलूँगा देखो चाँद भी बस निकलने को है, शायद चाँद को भी पता चल गया था तुम्हारे बारे में इसलिए ही तो अभी तक नही निकला
शालिनी मुस्कुराती और उसके साथ चली जाती और उसके हाथो जल पीकर चाँद को देख कर अपना व्रत खोलती।
30 days festival / ritual कम्पटीशन
Supriya Pathak
20-Oct-2022 12:59 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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आँचल सोनी 'हिया'
19-Oct-2022 11:43 PM
Behatrin 🌸👌
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Renu
19-Oct-2022 02:40 PM
👍👍🌺 बहुत ही सुन्दर
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